Sand soil of Rajasthan will heal the wounds of Dal Lake, trial to stop water leakage

डल झील के जख्मों को भरेगी राजस्थान की बालू मिट्टी, पानी का रिसाव रोकने के लिए ट्रायल

Sand soil of Rajasthan will heal the wounds of Dal Lake, trial to stop water leakage

Sand soil of Rajasthan will heal the wounds of Dal Lake, trial to stop water leakage

धर्मशाला:धर्मशाला की पर्यटन नगरी नड्डी स्थित डल झील के रिसाव को रोकने के लिए जलशक्ति विभाग ने राजस्थान की बालू मिटटी से सुराख को भरने को ट्रायल किया। गर्मियों में पूरी तरह से सूखने की कगार पर पहुंच चुकी डल झील में अब मछलियां तड़पने के लिए मजबूर होने लगी थीं। इसी बीच अब जल शक्ति विभाग आस्तित्व खोने की कगार पर पहुंच रही झील को हल्के मरहम की उम्मीद जगी है।

राज्यस्थान की बालू मिट्टी एक-दो दिन में फूलती भी है, ऐसे में रिसाव कम होने से पानी भर सकता है, जिससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी मात्र किचड़ की बजाय कुछ पानी भी देखने को मिलेगा, जबकि मछलियों को भी जीवित रहने के लिए पानी मिल पाएगा। आस्था का केंद्र एवं छोटे मणिमहेश के रूप में जाने वाली जाने वाली डल झील का वैभव को लौटाने के लिए प्रशासन ने अब कमर कस ली है। जलशक्ति विभाग के कर्मचारियों ने राजस्थान से लाई गई बालू मिटटी को डल झील के रिसाव को रोकने के लिए डाला है।

जलशक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता संदीप चौधरी ने बताया कि डल झील के रिसाव को रोकने के लिए राजस्थान से बालू मिट्टी मंगवाई गई है। डल झील के रिसाव को रोकने के लिए राजस्थान से बालू मिटटी का ट्रायल किया जाएगा। अगर ट्रायल सफल रहा तो डल झील के रिसाव को रोकने के लिए राजस्थान से बालू मिटटी मंगवाई जाएगी। इस मिटटी को अधिकतर डैम क दीवारों से हो रहे रिसाव को रोकने इस्तेमाल किया जाता है।

जेसीबी मशीनों से निकली थी गाद

नड्डी के स्थानीय लोगों ने बताया कि झील में साल भर पानी रहता था। कुछ साल पहले पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने झील को गहरा करने और गाद निकालने के लिए जेसीबी से इसके आधार को खोद दिया। तब से झील ने पानी बनाए रखने की अपनी क्षमता खो दी थी और अब इसकी सूरत और ज्यादा खराब हो गई है।